WhatsaApp
जैन ज्ञान | Digital World of Jainism
No Result
View All Result
जैन ज्ञान | Digital World of Jainism

वर्षीतप (संवत्सर तप)

Prashant Chourdia by Prashant Chourdia
March 20, 2017
in जैन जानकारी
0
449
SHARES
1.8k
VIEWS
Share on Facebook

प्रथम तीर्थकर ऋषभदेव परमात्मा को दीक्षा अंगीकार करने के बाद लाभांतराय कर्म का उदय होने से 400 दिन तक उन्हें निर्दोष भिक्षा की प्राप्ति नहीं हुई थी और इस कारण उन्होंने दीक्षा दिन से 400 निर्जल उपवास किये थे | उस तप की स्मृति में यह वर्षीतप (संवत्सर तप) किया जाता है | ऋषभदेव भगवान ने तो 400 उपवास एक साथ किये थे, परन्तु वर्तमान में संघयण बल का अभाव होने से 400 उपवास एक साथ संभव नहीं है | प्रभु महावीर के शासन में उत्कृष्ट तप १८० उपवास ही बतलाया है, इससे अधिक तप का निषेध है अतः एकांतर उपवास कर 400 दिन में इस तप की समाप्ति की जाती है |

इस तप का आरम्भ चेत्र कृष्ण सप्तमी (गुजराती) फाल्गुन कृष्णा सप्तमी से किया जाता है | इस तप का आरम्भ छठ से होता है फिर 400 दिनों तक अर्थात १३ महीने और ११ दिवस एकांतर उपवास और पारणे में कम से कम बीयासना किया जाता है | इस तप के दरमियाँ एक साथ २ दिन नहीं खाया जाता है |

वर्षीतप की विधि

  1. उपवास + बियासणा
  2. चौदस को वापरना नहीं
  3. 2 बियासणा साथ में नही करना
  4. उपवास के दिन में
    देववंदन, प्रभुपूजा
    12 साथिया – फल + नैवेध
    12 लोगस्स का कायोत्सर्ग
  1. 20 माला “श्री ऋषभदेवनाथाय नम”
  2. सुबह शाम प्रतिक्रमण

अपने विचार व्यक्त करे

Advertisement Banner
Prashant Chourdia

Prashant Chourdia

Related Posts

जैन जानकारी

स्वप्न विचार  – स्वप्न फल – जानिए कब कैसे और किसे मिलता है

May 16, 2020
जैन जानकारी

धन्य त्रियोदशी – जैन धनतेरस

December 10, 2019
जैन जानकारी

जुड़िये हमारे व्हाट्सएप मेसेज अलर्ट से …

September 2, 2017

Trending

जैन जानकारी

स्वप्न विचार  – स्वप्न फल – जानिए कब कैसे और किसे मिलता है

10 months ago
जैन कहानियां

सहायता ही धर्म है

3 years ago
जैन जानकारी

धन्य त्रियोदशी – जैन धनतेरस

3 years ago
जैन जानकारी

जुड़िये हमारे व्हाट्सएप मेसेज अलर्ट से …

4 years ago
जैन कहानियां

ऋषभकुमार का राज्याभिषेक

4 years ago
जैन ज्ञान | Digital World of Jainism

जैन समाज एक समुदाय है विशिष्ट वर्ग के लोगो का जो अहिंसा, तप, क्षमा, ज्ञान की तपोभूमि पर निवास करते है ! जैन ज्ञान के द्वारा हम छोटा सा प्रयास कर रहे है इस तपोभूमि के कुछ सुगन्धित पुष्प आप तक पहुचाने का और हमारी कामना है की आपका पूरा सहयोग हमे निरंतर मिलता रहेगा !

Follow Us

Recent News

स्वप्न विचार  – स्वप्न फल – जानिए कब कैसे और किसे मिलता है

May 16, 2020

सहायता ही धर्म है

October 21, 2017

Categories

  • जैन कहानियां
  • जैन जानकारी
  • जैन तीर्थ
  • जैन दर्शन
  • जैन सुविचार

Tags

jain chatumass jain chomasa Jain Diksha Jain Monks Jain Sadhu jain tirthankar चौमासा जैन चातुर्मास
  • Home
  • जैन तीर्थ
  • जैन जानकारी
  • जैन कहानियां
  • जैन दर्शन
  • जैन सुविचार

© 2020 JainGyan - theme by Parshva Web Solution.

No Result
View All Result
  • Home
  • जैन तीर्थ
  • जैन जानकारी
  • जैन कहानियां
  • जैन दर्शन
  • जैन सुविचार

© 2020 JainGyan - theme by Parshva Web Solution.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Create New Account!

Fill the forms bellow to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In