WhatsaApp
जैन ज्ञान | Digital World of Jainism
No Result
View All Result
जैन ज्ञान | Digital World of Jainism

स्वप्न विचार  – स्वप्न फल – जानिए कब कैसे और किसे मिलता है

Prashant Chourdia by Prashant Chourdia
May 16, 2020
in जैन जानकारी
0
17
SHARES
822
VIEWS
Share on Facebook

सभी के मन में स्वप्न को लेकर अलग-अलग धारणाएं होती है आज हम जानने का प्रयास करेगे स्वप्न विचार की तरह कार्य करता है व उनका फल हमें कब कैसे और किस प्रकार प्राप्त हो सकता है

स्वप्न आने के कारण क्या है ?

स्वप्न आने के 9 कारण है जिसकी वजह से जिव को स्वप्न आता है इसमे से 6 कारणों से आये स्वप्न निष्फल होते है व अन्य 3 कारणों से आये स्वप्न शुभाशुभ फल दायक होते है

  • जानी हुई बात से ।
  • देखी हुई बात से ।
  • सुनी हुई बात से ।
  • वात, पित्त और कफ के विकार से ।
  • मल- मूत्र के वेग को रोकने से ।
  • चिन्ता करने से ।

इन छः कारणों से आये हुए स्वप्न निष्फल हो जाते है। उनका शुभाशुभ फल नही होता।

  • देवता के अनुष्ठान या सानिध्य से ।
  • धर्मध्यान में सावधान रहने वाले प्राणी का अधिक धर्म – भावस्थ रहने से, अधिक पुण्य के योग से ।
  • अधिक पाप के द्वारा पापोदय से ।

उपर्युक्त पिछले तीन कारणों से आये हुए स्वप्न शुभाशुभ फल देते है, ऐसे स्वप्न यथासम्भव वृथा नहीं जाते ।

स्वप्न फल किसे मिलता है ?

जो आदमी स्थिर-चित्त, जितेन्द्रिय शांत मुद्रा, धर्म भाव में रुचि रखनेवाला धर्मानुरागी, प्रामाणिक, सत्यवादी, दयालु, श्रध्दालु, और गृहस्थोचित गुणों वाला होता है, उसे स्वप्न आता है, वह निरर्थक नहीं जाता, वह कर्मानुसार अच्छा या बुरा फल यथासमय तुरन्त देता है ।

स्वप्न कब फलता है ?

यदि रात के पहले प्रहर में स्वप्न देखा गया तो, उसका फल एक वर्ष में प्राप्त होता है, दूसरे पहर में देखे तो छः मास में, तीसरे पहर में देखे तो तीन मास में, रात के चौथे पहर में देखे तो एक मास, रात्रि की अन्तिम दो घडियों अर्थात तडके देखे तो दस दिन में और सूर्य उदय होते होते देखे तो उसका तत्काल फल मिलता है। बुरा स्वप्न आने पर यदि सोया रहे तो अच्छा रहता है। उसे किसी को न कहे, यथासम्भव उसे भूलने का प्रयत्न करना चाहिए। उत्तम स्वप्न होने पर यदि हम सो जाने की भूल कर बैठे तो उसका फल निष्फल हो जाता है।
शुभ स्वप्न देखनेवाले को जागृत होकर भगवान का भजन करना चाहिये।

प्रातःकाल होने पर गुरुजनों के सम्मुख विनय युक्त होकर निवेदन करे। यदि गुरु के योग ना हो तो कोई योग्य आदमी और वो भी न मिले तो स्वप्न गाय के कान में सुना देना उचित होता है। परन्तु मूर्ख को कभी न सुनायें। यदि मुर्ख को सुनायें तो उस स्वप्न का फल जैसा वह बतायेगा उससे विपरीत या अपूर्ण हो जायेगा। उत्तम स्वप्न जानने वाले के सामने कहने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है। मूर्ख को बताने की अपेक्षा मन में रखना या गौ के कान में कहना उचित होता है।

कुछ आचार्यों का मत है कि यदि स्वप्न किसी को न कहा जाये तो उसका फल नहीं होता है। यदि पहले अच्छा स्वप्न देखकर फिर बुरा स्वप्न दीख पडे तो बुरे का ही प्रभाव स्थिर रहता है। शुभ स्वप्ना को वीतराग प्रभु के सामने कहना चाहिए।

अपने विचार व्यक्त करे

Source: प्रभात के स्वर
Advertisement Banner
Prashant Chourdia

Prashant Chourdia

Related Posts

जैन जानकारी

धन्य त्रियोदशी – जैन धनतेरस

December 10, 2019
जैन जानकारी

जुड़िये हमारे व्हाट्सएप मेसेज अलर्ट से …

September 2, 2017
जैन जानकारी

जिन-मंदिर में प्रवेश पूर्व अनिवार्य सात शुद्धियाँ

May 2, 2017

Trending

जैन जानकारी

स्वप्न विचार  – स्वप्न फल – जानिए कब कैसे और किसे मिलता है

10 months ago
जैन कहानियां

सहायता ही धर्म है

3 years ago
जैन जानकारी

धन्य त्रियोदशी – जैन धनतेरस

3 years ago
जैन जानकारी

जुड़िये हमारे व्हाट्सएप मेसेज अलर्ट से …

4 years ago
जैन कहानियां

ऋषभकुमार का राज्याभिषेक

4 years ago
जैन ज्ञान | Digital World of Jainism

जैन समाज एक समुदाय है विशिष्ट वर्ग के लोगो का जो अहिंसा, तप, क्षमा, ज्ञान की तपोभूमि पर निवास करते है ! जैन ज्ञान के द्वारा हम छोटा सा प्रयास कर रहे है इस तपोभूमि के कुछ सुगन्धित पुष्प आप तक पहुचाने का और हमारी कामना है की आपका पूरा सहयोग हमे निरंतर मिलता रहेगा !

Follow Us

Recent News

स्वप्न विचार  – स्वप्न फल – जानिए कब कैसे और किसे मिलता है

May 16, 2020

सहायता ही धर्म है

October 21, 2017

Categories

  • जैन कहानियां
  • जैन जानकारी
  • जैन तीर्थ
  • जैन दर्शन
  • जैन सुविचार

Tags

jain chatumass jain chomasa Jain Diksha Jain Monks Jain Sadhu jain tirthankar चौमासा जैन चातुर्मास
  • Home
  • जैन तीर्थ
  • जैन जानकारी
  • जैन कहानियां
  • जैन दर्शन
  • जैन सुविचार

© 2020 JainGyan - theme by Parshva Web Solution.

No Result
View All Result
  • Home
  • जैन तीर्थ
  • जैन जानकारी
  • जैन कहानियां
  • जैन दर्शन
  • जैन सुविचार

© 2020 JainGyan - theme by Parshva Web Solution.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Create New Account!

Fill the forms bellow to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In